ऐसा क्या बोलू की तेरे दिल को छू जाए,
ऐसी किससे दुआ मांगू कि तू मेरी हो जाए,
तुझे पाना नहीं तेरा हो जाना है मन्नत मेरी,
ऐसा क्या करदु की ये मन्नत पूरी हो जाय
सिर्फ ठीक तुमको ही तलब से देखते हैं हम बाकी हर किसी को अदब से देखते हैं
बहुत सा इश्क है मुझे तुमसे
बस तुम जरा सा कर लो मुझसे
जब से तेरी निगाहों का नूर देखा है
खुद को इश्क के हाथों मजबूर देखा है
ना देखा था तुझसे कोई दिलनशी पहले
तेरी आंखों में मैंने वो जरूर देखा है
तबाह होकर भी तबाही दिखती नहीं
यह इश्क है हुजूर इसकी दवाई मिलती नहीं
आओ मिलकर करें वफा रोशन
मैं सुलगता रहूं तुम हवा देना
0 Comments